नोएडा के सनसनी खेज आरूशी - खेमराज हत्याकांड की जांच कर रही उतत्र प्रदेश पोलीस द्वारा जल्दबाजी में और बीना कीसी सबूत के आरूशी-खेमराज और राजेश तलवार-डॉ अनिता के बीच सम्बन्ध होने की बात करना अनैतिक है।यदी यह बात ग़लत साबीत हुई तो उनकी मानहानी के लिए कौन जीम्मेदार होगा?क्या सरकार इसकी भरपाई कर सकेगी?
If you want to share any thought,or you want to share your bhadas,or you have any talent like this on any topic in hindi or ennglish language
then send or contact-
harshitguptag@yahoo.co.in or
http://yourbhadas.blogspot.com/ orhttp://bhadas.blogsome.com/
your post will be precribed or published in my blog.
BE A MEMBER OF MY BLOG. YOUR POST WILL BE PUBLISHED
TO KNOW MORE ABOUT ME LOG ON ON
harshitg.blogspot.com
then send or contact-
harshitguptag@yahoo.co.in or
http://yourbhadas.blogspot.com/ orhttp://bhadas.blogsome.com/
your post will be precribed or published in my blog.
BE A MEMBER OF MY BLOG. YOUR POST WILL BE PUBLISHED
TO KNOW MORE ABOUT ME LOG ON ON
harshitg.blogspot.com
WRITTEN BY
"Ashish" tambe.ashish@gmail.com
3 comments:
Tuesday, 27 May, 2008 4:56 PM
From: "Sanjay Kumar Nishad" Add sender to Contacts To: hindibhasha@googlegroups.comभाई आषीष सरकार तो जो देती है वो तो जनता के पास नहीं पहुँती है, आप भरपाई की बात कर रहे हैं। यह देष तो बस भगवान और भाग्य के भरोसे चल रहा है। सरकार का मतलब सरक-सरक (धीरे-धीरे) चलना और आजकल सरकार चलती कहाँ हैं। अपना उल्लू सीधा कीजिए और मजे में रहिए। भारतीय पुलिस को कोई भी आम आदमी अपना रक्षक समझता है क्या ? फिर कैसी पुलिस और सरकार ? सब छलावा है। भारत भले अंग्रेजों से आजाद हो चुका है। अंग्रेजी के गुलाम तो अब भी है। जिसकी गुलामी कर हम आप सभी गर्व महषूष करते हैं। उसी तरह सरकारी ढाँचे अंग्रेजों के बनाये हुए थे, जिसे भारतीय सरकार ढो रहे हैं। अंग्रेजों के ढाँचे में तो आम आदमी के लिए थोड़ी बहुत जगह भी थी, लेकिन अपनी सरकार ने तो उसे भी समाप्त कर दिया है। देखिये आम किसानों की खेत छीन कर सेज बनाई जा रही है, लखटकिया कार के लिए। लेकिन राषन की दुकान दूज के चाँद की तरह खुलती है । अभी तक हम पूर्ण रूप से साक्षर नहीं हो सके । अब और कितना वक्त चाहिए ? सरकार क्या भरोसे करने लायक है? ऐसे मामले में तो पता लगाना भी मुष्किल होता है आखिर माजरा क्या है? पुलिस सिर्फ अंदाजा लगाती है आजकल हवा कौन सी चल रही है । वे इसी से अंदाजा लगाती है। और वयान देती है। बड़े ष्षहरों में अनैतिक जिसे अब संभ्रात समाज में अनैतिक नहीं कहा जाता है, का बोलबाला है। इसीलिए पुलिस ऐसी बयान दे दी।
Dear Harshit, please don't put the posts of authors without their permission on your blog. It is considered against intellectual property rights of the authors.
- Pratik Pandey, Moderator, Hindi Bhasha Google Group
किसी सार्वजनिक स्थान पर दिया गया वक्तव्य या लेख पुन: प्रकाशन या कथन किसी बौधिक सम्पदा के आधिकार का उल्लंघन नही करता है। क्योकि किसी व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर दिया गया वक्तव्य या लेख की मंशा अधिकाधिक लोगों तक बात रखने की होती है। यदि कोई व्यक्ति मूल लेखक की कही गई बात को प्रचार या विस्तार करता है, तो इसमें किसी प्रकार प्रतिलिप्याधिकार (Copyright)का उल्लंघन नही होता है।
Post a Comment