Friday 4 July, 2008
बर्फानी बाबा अमरनाथ
Sunday 22 June, 2008
जयपुर का नर संहार
Tuesday 17 June, 2008
Welcome ! SHOW YOUR TALENT AND SHARE YOUR THOUGHTS
आपका हमारे ब्लॉग में स्वागत हैं । इस ब्लॉग के माध्यम से आप अपने विचारो और योग्यता को अधिक लोगो को प्रदर्शित कर सकते हैं।
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HARSHIT GUPTA
गौशाला-गाय गाँव -स्वालम्बन
Monday 16 June, 2008
गोवंश का प्रभाव
बीजेपी हो या कांग्रेस या दल हो या बीएसपी
इस पर मेल करें awbikk@gmail.com .
Sunday 15 June, 2008
SMS
Biwi ka antim sanskar kar ek aadmi ghar ja raha tha.
Achanak..... Bijli chamki tufan Aaya aur barish Hui,
Dukhi Aadmi bola "Lagta Hai Pahuch Gayi."
~~~~~~~~~
Paani mein Whiskey milao at nasha chadta hai।
Paani mein Rum milao to nasha chadta hai।
Paani mein Brandy milao to nasha chadta hai.
Saala paani mein hi kuch gadbad hai.
पितृदिवस पर एक प्रण
पिताश्री इस पितृदिवस के पावन अवसर पे नमन करता हूँ
स्मरण अपना बचपन और आपका कन्धा आज भी करता हूँ॥
एक दिन दादी ने मुझे बतलाया था
कितने मंदिर तीर्थ घुमे तो मुझे पाया था॥
मेरे जन्म पर आपने पूरे गाँव में बधाई बाटी थी
खुशिओं की सौगात और मिठाई भी बाटी थी॥
मेरे स्कूल जाने पर कितनी बलैयां ले डाली थी
पास होकर आने पे कितनी शाबाशीयां दे डाली थी॥
माँ मेरी शरारतों से थक तुम्हारा इंतज़ार करती थी
तुम्हारे नाम को ले ले मुझे डराया करती थी ॥
तुम उनको सुन अनसुना करते थे
राजा बेटा अच्छा बेटा कह मुझे समझाया करते थे॥
याद आता है मेरा साइकल से गिर जाना
मेरी चोट देख जैसे तुम्हारी जान निकल जाना॥
सर्दी गर्मी धुप छाओं से मुझे बचाया करते थे
मेरे हर सवाल का जवाब हर मुश्किल सुलझाया करते थे॥
जिन्दगी के हर मोड़ पर मैं ने आपको पाया था
मेरे 'प्यार' को ठुकरा के भी फिर दोनों को अपनाया था॥
कितनी ही बार आप भी झुंझलाते थे
बाप बनुगा तो पता चलेगा कह थक जाते थे॥
आज जब मैं भी जवान बेटे का बाप बना हूँ
आपके कदम के निसानो पे खडा हूँ ॥
आपके पोते से मैं भी रूठ जाता हूँ
बेटा बाप बनोगे तो याद करोगे बोल जाता हूँ ॥
दादा जैसा बनो उन्हें स्मरण करो उसे याद दिलाता हूँ
अपने जवाब - उसके मुख से सुन शर्माता- पछताता हूँ ॥
बाप बेटे के सवाल का सो बार जवाब देता है
बेटा बाप के एक सवाल दुबारा आने पर सनकी, बुढा बोल देता है ॥
पितृपक्ष पर सुबह तर्पण करता है श्राद्ध करता ब्रह्म भोज करता है
उसही आदरणीय के अधूरे कामो से मुख मोड़ लेता है ॥
मैंने भी एक प्रण किया था इस जिन्दगी का
अच्छा बेटा बन आपके स्वप्न पूरे करने का ॥
लेकिन क्या मैं आपकी आकांक्षा पूरी कर सका हूँ
आज जिस मुकाम पर हूँ क्या आपकी ऊंचाई तक पहुँच सका हूँ ?
अगर कोई ख़ता हुई हो तो मुझे माफ़ करना
मेरा प्रण है आपकी भावना और इच्छा पूर्ण करना ॥
आज इस पितृदिवस मैं नमन करता पुष्प चढाता हूँ
आशीर्वाद की कामना और श्रद्धा का विश्वास दिलाता हूँ ॥
WRITTEN BY
Dr. SK Mittal
awbikk@gmail.com
आपको यह कविता कैसे लगी ? अवश्य लिखें।
इस पर मेल करें awbikk@gmail.com .
Wednesday 11 June, 2008
SMS
SMS-
MAFI NAMA:
Agar
Meri
Raat
Ko
Msgs
Bhejne
Ki
Aadat
Se
Aap
Pareshan
Hai
to
Aap
Apna
Mobile
Toilet
me
fek
dena
NA RAHEGA BAS NA BAJEGI BASURI.....................
WRITTEN BY
from funlok
HARSHIT GUPTA
Marwari Samaj देखो ! हम कितने सभ्य हो चुके हैं।
देख....मानवीय सभ्यता का यह दौर!
जहाँ शिक्षित हो इंसान,
शोषण कर रहा इंसानों को,
सभ्यता का दे नाम।
देख ....मानवीय सभ्यता का यह दौर!
जहाँ असभ्य बनता जा रहा इंसान,
नंग-धड़ंग हो नाच रहा है,
सभ्यता का दे नाम
देख ....मानवीय सभ्यता का यह दौर!
शहर के रहने वाले;
गांवों की तुलना में,
कहिं ज्यादा दिखते हैं परेशान।
रिश्ते- नाते सबके सब हो चुके हैं
एक दूसरे के हैवान।
किसीको कुछ भी पता नहीं।
कौनकिसको कब 'खा' जायेगा,
सभ्यता का दे नाम।
देख....मानवीय सभ्यता का यह दौर!
हम सभ्य हो चुकें हैं इतना कि......
खुद के बच्चे हम से बिछुड़ते जा रहे,
बुढ़े माँ-बाप खोज रहें हैं एक आशियाना।
पत्नी बात नहीं कर पा रही।
देखो!! कितने सभ्य हो चुके हैं हम।
हमारी वेशर्मियत कई ह्दों को पार करती जा रही ।
एक-दूसरे के इज्जत के प्यासे हो चुके हम।
फिर भी चुपचाप सहते सब जा रहे हैं।
देखो !! हम इतने सभ्य हो चुके हैं,
कि सभ्यता भी हमसे शर्माने लगी
सभ्यता का दे नाम।
--- 2 ---
मानवीय संवेदना का एक पलकितना भयानक हो चला है।
माँ-बाप, भाई-बहन, पति-पत्नी,
ये तो हो चुके पुराने,
सबके सब तलाश रहें।
आज एक नये रिश्ते।
WRITTEN BY
-शम्भु चौधरी, एफ.डी. - 453/2, साल्टलेक सिटी, कोलकाता -
samajvikas@gmail.com